अगस्त, 2012
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर व प्रयास संस्थान, चूरू के साझा रामसरा में मंगलवार को लोक संगीत संध्या ‘लोकरंग’ में कलाकारों ने यादगार बना दिया। देर रात तक चले कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने मोहक प्रस्तुतियों से गांव की फिजा को लोकरंग से सराबोर कर दिया।
सीईओ राजेंद्र सिंह कविया, एसडीएम वीरेंद्र वर्मा व झुंझुनूं सीजेएम ईश्वरीलाल वर्मा ने दीप प्र”वलन किया। कार्यक्रम की शुरूआत बाड़मेर के कलाकार बंूदू खां लंगा ने गणेश वंदना से की। इसके बाद ‘गोरबंद’ की प्रस्तुति, मोरचंग व खड़ताल वादन से मंत्रमुग्ध कर दिया। किशनगढ़ के कलाकार वीरेंद्रसिंह के निर्देशन में नर्तकियों ने चरी नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन किया। पादरला के मूलदास व साथियों ने रूणीचे रा धणिया अजमाल जी रा कंवरा भजन पर चौतारा व झांझ वाद्य के साथ तेरहताली नृत्य प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में मंजीरों के आघात से धान की कटाई, सफाई, पिसाई, आटा गूंथने की प्रक्रिया, दही मंथन व रोटी बनाने सहित विभिन्न भावों की प्रस्तुति ग्रामीणों का मन मोह गई। जोधपुर के रूपनाथ के निर्देशन में भवाई नृत्यांगनाओं ने आठ कलश सिर पर रखकर कांच के गिलास, तलवारों की धार व परात की किनारी पर नृत्य कर दर्शकों को हैरत में डाल दिया। कालबेलिया नृत्यांगनाओं ने अपनी मनमोहक अदाओं के साथ ‘काळयो कूद पडय़ेा मेले में’ की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीता। भपंग वादक उमर फारूख ने प्रस्तुति देकर दर्शकों को खूब हंसाया। बृज लोक कला मंच डीग के अशोक शर्मा व साथियों ने ‘कान्हा मोर बन नाचे’ पर मयूर नृत्य की प्रस्तुति देकर बृज संस्कृति का चित्रण किया।
सीईओ ने कहा कि सरकार कला व संस्कृति की संरक्षण की दिशा में संगीत नाटक अकादमी के जरिए बेहतर कार्य कर रही है। एसडीएम वर्मा ने कहा कि संस्कृत साहित्य में कला, साहित्य व संस्कृति की रूचियों से विहीन व्यक्ति को बिना सींग और पूंछ वाले पशु के समान माना गया है। झुंझुनूं सीजेएम वर्मा ने आयोजन की सराहना की। संचालन भानु पुरोहित व रामेश्वर प्रजापत ने किया। प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने आभार जताया।